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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Printed by: अलका त्यागी
Up to date Tue, 21 Sep 2021 10:22 AM IST
सार
Uttarakhand main Faculties Reopen: प्रदेश में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मार्च 2000 में प्राथमिक स्कूलों को बंद कर दिया गया था। अब स्थिति कुछ सामान्य होने के बाद शासन की ओर से मंगलवार से स्कूलों को खोलने का आदेश जारी किया गया था।
स्कूल पहुंचे बच्चे
– फोटो : अमर उजाला
उत्तराखंड में कोविड की वजह से डेढ़ साल से अधिक समय से बंद कक्षा एक से पांचवीं तक के 14007 सरकारी और निजी स्कूल आज से खुल गए हैं। शासन के आदेश के बाद विभाग की ओर से स्कूलों को खोले जाने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल के निर्देशों के अनुसार सभी स्कूलों में एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का पूरी तरह से पालन करते हुए बच्चों को प्रवेश दिया गया। अधिकांश स्कूलों में बच्चों को थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही एंट्री मिली। अधिकतर सरकारी स्कूलों की कक्षाएं तीन घंटे चलेंगी।
उत्तराखंड में कोरोना: सोमवार को मिले 11 नए संक्रमित, एक भी मरीज की मौत नहीं
प्रदेश में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मार्च 2000 में प्राथमिक स्कूलों को बंद कर दिया गया था। अब स्थिति कुछ सामान्य होने के बाद शासन की ओर से मंगलवार से स्कूलों को खोलने का आदेश जारी किया गया था। शिक्षा निदेशक के मुताबिक स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर पड़ा है।
पढ़ाई के नुकसान को कम किया जा सके इसके लिए डायट और एससीईआरटी के सहयोग से बच्चों के लिए ब्रिजकोर्स चलाया जाएगा। शिक्षा निदेशक ने कहा कि स्कूलों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पढ़ाई जारी रहेगी। अभिभावकों पर बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर किसी तरह का दबाव नहीं होगा।
काशीपुर में नहीं हुआ शारीरिक दूरी का पालन
काशीपुर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पहले ही दिन एसओपी का पालन नहीं किया गया। कुछ स्कूलों में बैठने की कम जगह होने के कारण बच्चों को आसपास बैठया गया। वहीं, सैनिटाइजेशन भी नहीं कराया गया।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय-11653
राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालय-11
अन्य सरकारी विद्यालय -53
निजी प्राथमिक विद्यालय-2290
एक से पांचवीं तक 7 लाख से अधिक हैं छात्र-छात्राएं
प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लगभग तीन लाख 63 हजार और निजी स्कूलों में चार लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
स्कूलों को विभाग से बच्चों के मास्क एवं सैनिटाइजर के लिए कोई बजट उपलब्ध नहीं हुआ है। इसके बावजूद सभी शिक्षकों को कहा गया है कि अपने प्रयास से इसकी व्यवस्था करें।
– दिग्विजय चौहान, प्रदेश अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ
विस्तार
उत्तराखंड में कोविड की वजह से डेढ़ साल से अधिक समय से बंद कक्षा एक से पांचवीं तक के 14007 सरकारी और निजी स्कूल आज से खुल गए हैं। शासन के आदेश के बाद विभाग की ओर से स्कूलों को खोले जाने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल के निर्देशों के अनुसार सभी स्कूलों में एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का पूरी तरह से पालन करते हुए बच्चों को प्रवेश दिया गया। अधिकांश स्कूलों में बच्चों को थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही एंट्री मिली। अधिकतर सरकारी स्कूलों की कक्षाएं तीन घंटे चलेंगी।
उत्तराखंड में कोरोना: सोमवार को मिले 11 नए संक्रमित, एक भी मरीज की मौत नहीं
प्रदेश में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मार्च 2000 में प्राथमिक स्कूलों को बंद कर दिया गया था। अब स्थिति कुछ सामान्य होने के बाद शासन की ओर से मंगलवार से स्कूलों को खोलने का आदेश जारी किया गया था। शिक्षा निदेशक के मुताबिक स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर पड़ा है।
पढ़ाई के नुकसान को कम किया जा सके इसके लिए डायट और एससीईआरटी के सहयोग से बच्चों के लिए ब्रिजकोर्स चलाया जाएगा। शिक्षा निदेशक ने कहा कि स्कूलों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पढ़ाई जारी रहेगी। अभिभावकों पर बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर किसी तरह का दबाव नहीं होगा।
काशीपुर में नहीं हुआ शारीरिक दूरी का पालन
काशीपुर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पहले ही दिन एसओपी का पालन नहीं किया गया। कुछ स्कूलों में बैठने की कम जगह होने के कारण बच्चों को आसपास बैठया गया। वहीं, सैनिटाइजेशन भी नहीं कराया गया।
प्रदेश में 14007 हैं एक से पांचवीं तक के स्कूल
राजकीय प्राथमिक विद्यालय-11653
राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालय-11
अन्य सरकारी विद्यालय -53
निजी प्राथमिक विद्यालय-2290
एक से पांचवीं तक 7 लाख से अधिक हैं छात्र-छात्राएं
प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लगभग तीन लाख 63 हजार और निजी स्कूलों में चार लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
स्कूलों को विभाग से बच्चों के मास्क एवं सैनिटाइजर के लिए कोई बजट उपलब्ध नहीं हुआ है। इसके बावजूद सभी शिक्षकों को कहा गया है कि अपने प्रयास से इसकी व्यवस्था करें।
– दिग्विजय चौहान, प्रदेश अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ
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