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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू Revealed by: करिश्मा चिब Up to date Wed, 29 Sep 2021 12:32 PM IST
आतंकी ने बताया कि उसे इस्लाम और मुसलमान के नाम पर उकसाया गया, साथ ही आतंकवादी बनने पर मजबूर किया गया। बाबर ने बताया कि अपने पिता को जल्दी खो देने की वजह से गरीबी के कारण उसे गुमराह किया गया और लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने का लालच दिया गया। दीपालपुर में उनके परिवार में उनकी विधवा मां और एक दत्तक बहन हैं। परिवार निम्न वर्ग से ताल्लुक रखता है जो बमुश्किल अपनी जरुरतों को पूरा कर पाता है। गरीबी से बचने के लिए बाबर ने सातवीं कक्षा के बाद सरकारी स्कूल से स्कूली शिक्षा छोड़ दी। जिसके बाद उसने 2019 में गढ़ी हबीबुल्लाह कैंप (केपीके) में तीन सप्ताह के प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद 2021 में पुनश्चर्या प्रशिक्षण लिया। पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर ए ताइबा कश्मीर में जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने का जाल बुन रहे हैं। आतंकी संगठन मजबूर और गरीब तबके के युवाओं को टारगेट कर उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हैं। यह खुलासा उत्तरी कश्मीर के सीमांत जिले बारामुला के उड़ी सेक्टर में दबोचे गए लश्कर के पाकिस्तानी आतंकी बाबर ने किया है।
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