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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Revealed by: गौरव पाण्डेय
Up to date Fri, 08 Oct 2021 04:44 PM IST
सार
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में रविवार की दोपहर खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें चार किसानों समेत आठ लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्र है। इस घटना को लेकर एक मीडिया संगठन ने एक फर्जी ट्वीट किया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है।

सर्वोच्च न्यायालय
– फोटो : पीटीआई
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विस्तार
एक मीडिया संगठन की ओर से किए गए एक ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नाराजगी जताई। इस ट्वीट में दावा किया गया था कि देश के मुख्य न्यायाधीश सीवी रमण ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हम मीडिया और उसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं लेकिन यह बिल्कुल उचित नहीं है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में बीते रविवार को हुई हिंसा के मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने इस ट्वीट को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि मीडिया को तथ्यों की पुष्टि करनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश सूर्यकांत व हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि हमें यह देखकर खेद है कि कोई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा पार कर रहा है।
यह मुद्दा तब सामने आया जब वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने गुरुवार को पीठ को बताया था कि एक मीडिया संगठन ने एक ट्वीट किया है जिसमें कहा गया है कि सीजेआई ने लखीमपुर की घटना के पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की है। इस पर सीजेआई ने कहा कि उनको कुछ तो समझ होनी चाहिए क्योंकि मैं अदालत में बैठा हुआ था, ऐसे में यह कैसे संभव है।
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