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अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Revealed by: देव कश्यप
Up to date Fri, 24 Sep 2021 03:36 AM IST
सार
2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के समय अब्दुल्ला की उम्र 25 वर्ष से कम होने के कारण हाईकोर्ट ने उसे अयोग्य करार दिया था। अब्दुल्ला ने स्वार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
सपा सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला के वकील के नहीं पहुंचने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के आदेश को चुनौती वाली याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर के अपने इस आदेश में कहा है कि मामले की अंतिम सुनवाई होने के बावजूद अब्दुल्ला का कोई वकील नहीं पहुंचा। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला की याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल हाईकोर्ट ने 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के समय अब्दुल्ला की उम्र 25 वर्ष से कम होने के कारण हाईकोर्ट ने उसे अयोग्य करार दिया था। अब्दुल्ला ने स्वार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
उम्र संबंधी दस्तावेज में गड़बड़ी पर चुनाव अमान्य
हाईकोर्ट ने 2019 में अपने आदेश में अब्दुल्ला आजम की उम्र को लेकर दस्तावेजों में अनियमितता के कारण उनके चुनाव को अमान्य करार दिया था। हाईकोर्ट के फैसले को अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
विस्तार
सपा सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला के वकील के नहीं पहुंचने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के आदेश को चुनौती वाली याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर के अपने इस आदेश में कहा है कि मामले की अंतिम सुनवाई होने के बावजूद अब्दुल्ला का कोई वकील नहीं पहुंचा। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला की याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल हाईकोर्ट ने 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के समय अब्दुल्ला की उम्र 25 वर्ष से कम होने के कारण हाईकोर्ट ने उसे अयोग्य करार दिया था। अब्दुल्ला ने स्वार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
उम्र संबंधी दस्तावेज में गड़बड़ी पर चुनाव अमान्य
हाईकोर्ट ने 2019 में अपने आदेश में अब्दुल्ला आजम की उम्र को लेकर दस्तावेजों में अनियमितता के कारण उनके चुनाव को अमान्य करार दिया था। हाईकोर्ट के फैसले को अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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