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सियाम के मुताबिक, पिछले महीने कुल 1,60,070 यात्री वाहन डीलरों तक पहुंचाए जा सके। एक साल पहले की समान अवधि में यह संख्या 2,70,027 थी। दोपहिया की आपूर्ति में भी 17 फीसदी गिरावट आई और कुल 15,28,472 वाहन देशभर में डीलर के पास भेजे जा सके। सितंबर, 2020 में यह संख्या 18,49,546 थी।
मोटरसाइकिल की थोक बिक्री में 22 फीसदी गिरावट आई और पिछले साल के 12,24,117 के मुकाबले सितंबर में 9,48,161 मोटरसाइकिल डीलरों के पास भेजी गईं। स्कूटर की बिक्री भी सात फीसदी गिरकर 5,17,239 रही, जबकि तिपहिया की थोक बिक्री 54 फीसदी गिरावट के साथ 29,185 रही है। इस तरह सभी श्रेणी के वाहनों की बिक्री सितंबर में 20 फीसदी कमी के साथ 17,17,728 रही है।
उत्पादन में भी 19 फीसदी गिरावट
सितंबर मेें कार, तिपहिया, दोपहिया व अन्य श्रेणी के वाहनों का कुल उत्पादन भी 19 फीसदी गिरावट के साथ 21,25,304 रहा। हालांकि, जुलाई-सितंबर तिमाही में यात्री वाहनों की कुल थोक बिक्री में 2 फीसदी उछाल आया, जो 7,41,300 रही। दोपहिया की डिलीवरी भी 12 फीसदी गिरकर 41,13,915 रही है।
ग्राहकों को करना होगा लंबा इंतजार
सियाम के अनुसार, त्योहारी सीजन में अपनी गाड़ी का सपना पूरा करने वाले ग्राहकों को आपूर्ति के लिए इंतजार करना पड़ेगा। कई लोकप्रिय मॉडल की गाड़ियां पर्याप्त संख्या में बनाने में परेशानी आ रही। महिंद्रा की हाल में आई एक्सयूवी-700 की एक घंटे में 25 हजार बुकिंग हुई, लेकिन कंपनी को इसकी आपूर्ति करने में छह महीने से ज्यादा लग जाएंगे। कच्चे माल की बढ़ती कीमतें और उत्पादन में देरी से खुदरा बिक्री की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है।
भारतीय वाहन उद्योग नई तरह की चुनौतियों से गुजर रहा है। एक तरह तो हम वाहनों की मांग में इजाफा देख रहे हैं, तो दूसरी ओर सेमीकंडक्टर चिप की कमी से उद्योग पर आपूर्ति पूरी करने का संकट आ गया है। मारुति, महिंद्रा, ह्यूंडई सहित कई कंपनियों ने अपने उत्पादन में बड़ी कटौती शुरू कर दी है। -केनिची आयुकावा, अध्यक्ष, सियाम
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