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सार
East India Firm 2.0: आरएसएस समर्थित पत्रिका पांचजन्य एक बार फिर चर्चा में है। इसके आगामी अंक में अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी अमेजन को आड़े हाथों लिया गया है। इसी पत्रिका में पहले इंफोसिस की आलोचना करते हुए लेख लिखा गया था।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य में अब ई कॉमर्स क्षेत्र की बड़ी कंपनी अमेजन पर प्रहार किया गया है। पत्रिका के आगामी अंक में इस अमेरिकी कंपनी को ‘ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0’ करार दिया गया है। इससे पहले पांचजन्य ने देश की अग्रणी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस पर सवाल उठाए थे।
पांचजन्य ने भी अमेजन पर अनुकूल सरकारी नीतियों के लिए अधिकारियों को करोड़ों रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया है। पांचजन्य ने अपने नवीनतम अंक, जो कि 3 अक्तूबर को बाजार में आएगा, अमेजन की आलोचना करते हुए कवर स्टोरी प्रकाशित की हैै।
संघ समर्थित पत्रिका की कवर स्टोरी ‘East India Firm 2.0′ में कहा गया है, ’18 वीं सदी में भारत पर कब्जे के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने जो भी कुछ किया था, वैसा ही अमेजन की गतिविधियों में भी नजर आ रहा है।’
लेख में दावा किया गया है कि अमेजन भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहती है। इसके लिए वह उसने भारतीय नागरिकों की आर्थिक, राजनीतिक वा निजी आजादी पर कब्जा करने की पहल शुरू कर दी है।
अमेजन प्राइम वीडियो की कड़ी आलोचना
पांचजन्य में प्रकाशित मुख्य लेख में अमेजन के वीडियो प्लेटफॉर्म की आलोचना करते हुए कहा गया है कि वह ऐसी मूवी व टेलीविजन सीरिज जारी कर रहा है, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। आलेख में आरोप लगाया गया है कि अमेजन ने अपने कई छद्म संस्थान खड़े कर लिए हैं और ऐसी खबरें हैं कि उसने उसने अपने पक्ष में नीतियां बनाने के लिए करोड़ों रुपये की रिश्वत दी है।
रिश्वत मामले की जांच कर रही अमेजन
हाल ही में खबर आई थी कि अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी भारत में अपने वकीलों द्वारा कथित तौर पर अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले की जांच कर रही है। कंपनी ने वर्ष 2018 से 2020 के बीच भारत में अपनी मौजूदगी कायम रखने के लिए 1.2 अरब डॉलर या 8,546 करोड़ रुपये का भारी भरकम कानूनी खर्च किया।
कांग्रेस ने जांच की तो स्वदेशी जागरण मंच ने कार्रवाई की मांग की
अमेजन रिश्वत मामले में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में जांच की मांग की है। संघ समर्थित स्वदेशी जागरण मंच ने भी अनुचित व्यापार व्यवहार को लेकर अमेजन जैसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
प्रतिस्पर्धा आयोग कर रहा जांच
फ्यूचर समूह के अधिग्रहण को लेकर अमेजन की कानूनी लड़ाई चल रही है और वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच का सामना कर रहा है।
विस्तार
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य में अब ई कॉमर्स क्षेत्र की बड़ी कंपनी अमेजन पर प्रहार किया गया है। पत्रिका के आगामी अंक में इस अमेरिकी कंपनी को ‘ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0’ करार दिया गया है। इससे पहले पांचजन्य ने देश की अग्रणी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस पर सवाल उठाए थे।
पांचजन्य ने भी अमेजन पर अनुकूल सरकारी नीतियों के लिए अधिकारियों को करोड़ों रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया है। पांचजन्य ने अपने नवीनतम अंक, जो कि 3 अक्तूबर को बाजार में आएगा, अमेजन की आलोचना करते हुए कवर स्टोरी प्रकाशित की हैै।
संघ समर्थित पत्रिका की कवर स्टोरी ‘East India Firm 2.0′ में कहा गया है, ’18 वीं सदी में भारत पर कब्जे के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने जो भी कुछ किया था, वैसा ही अमेजन की गतिविधियों में भी नजर आ रहा है।’
लेख में दावा किया गया है कि अमेजन भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहती है। इसके लिए वह उसने भारतीय नागरिकों की आर्थिक, राजनीतिक वा निजी आजादी पर कब्जा करने की पहल शुरू कर दी है।
अमेजन प्राइम वीडियो की कड़ी आलोचना
पांचजन्य में प्रकाशित मुख्य लेख में अमेजन के वीडियो प्लेटफॉर्म की आलोचना करते हुए कहा गया है कि वह ऐसी मूवी व टेलीविजन सीरिज जारी कर रहा है, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। आलेख में आरोप लगाया गया है कि अमेजन ने अपने कई छद्म संस्थान खड़े कर लिए हैं और ऐसी खबरें हैं कि उसने उसने अपने पक्ष में नीतियां बनाने के लिए करोड़ों रुपये की रिश्वत दी है।
रिश्वत मामले की जांच कर रही अमेजन
हाल ही में खबर आई थी कि अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी भारत में अपने वकीलों द्वारा कथित तौर पर अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले की जांच कर रही है। कंपनी ने वर्ष 2018 से 2020 के बीच भारत में अपनी मौजूदगी कायम रखने के लिए 1.2 अरब डॉलर या 8,546 करोड़ रुपये का भारी भरकम कानूनी खर्च किया।
कांग्रेस ने जांच की तो स्वदेशी जागरण मंच ने कार्रवाई की मांग की
अमेजन रिश्वत मामले में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में जांच की मांग की है। संघ समर्थित स्वदेशी जागरण मंच ने भी अनुचित व्यापार व्यवहार को लेकर अमेजन जैसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
प्रतिस्पर्धा आयोग कर रहा जांच
फ्यूचर समूह के अधिग्रहण को लेकर अमेजन की कानूनी लड़ाई चल रही है और वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच का सामना कर रहा है।
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