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उन्होंने कहा कि एक्सपैंशन ऑफ द सेल्फ, मूविंग फ्रॉम इंडिविजुअल टू सोसाइटी। ये चिंतन अंत्योदय को समर्पित है। भारत आज इक्विटेबल डेवलपमेंट की राह पर बढ़ रहा है। विकास सर्वव्यापी हो, सर्व पोषक हो यही हमारी प्राथमिकता है। बीते सात सालों में भारत ने 43 करोड़ से ज्यादा लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया है। अब तक जो इससे वंचित थे, आज 36 करोड़ ऐसे लोगों को बीमा सुरक्षा कवच मिला है, जो पहले इस बारे में सोच भी नहीं सकते थे। 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। भारत ने उन्हें क्वालिटी सर्विस से जोड़ा है। भारत ने 3 करोड़ लोगों को होम ओनर्स बनाया है।
उन्होंने कहा कि दूषित पानी पूरी दुनिया के लिए बड़ी समस्या है। भारत में इस समस्या से निपटने के लिए हम 17 करोड़ घरों में पानी पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया के बड़े-बड़े देशों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनके पास जमीनों और घरों के प्रॉपर्टी राइट्स नहीं हैं। आज हम भारत के छह लाख से ज्यादा गांवों में ड्रोन से मैपिंग करा कर करोड़ों लोगों को उनके घर और जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड देने में जुटे हैं। ये डिजिटिल रिकॉर्ड लोगों के प्रॉपर्टी विवाद खत्म करने के काम आएगा।आज भारत में 350 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत का वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म कोविन करोड़ो लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए सर्विस दे रहा है। सेवा परमो धर्मः के कथन पर जीने वाला भारत आज पूरी दुनिया की भलाई में जुटा है। मैं यूएन को बताना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन तैयार कर ली है, जिसे 12 साल से ज्यादा के लोगों को लगाया जा सकता है। भारत के वैज्ञानिक एक आरएनए वैक्सीन बनाने में भी जुटे हैं। भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मैं आज दुनिया भर के वैक्सीन उत्पादकों को भी आमंत्रित करता हूं। कम मेक वैक्सीन इन इंडिया।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष महोदय हम जानते हैं कि मानव जीवन में तकनीका का कितना महत्व है, लेकिन बदलते समय में टेक्निक विद डेमोक्रेटिक वैल्यू यह भी सुनिश्चित करना अहम है। आज डॉक्टर, इजीनियर किसी भी देश में रहें, हमारे मूल्य उन्हें मानवता की मदद की प्रेरणा देते रहे हैं। कोरोना महामारी ने विश्व को संदेश दिया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को और डायवर्सिफाइ किया जाए। भारत विश्व का एक लोकतांत्रिक और भरोसेमंद पार्टनर बन रहा है। भारत ने इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों में संतुलन स्थापित किया है। क्लाइमेट एक्शन में भारत के प्रयासों को देखकर आप सबको निश्चित तौर पर गर्व होगा।
उन्होंने कहा कि जब फैसले लेने का समय था, तब जिन पर विश्व को दिशा देने का दायित्व था, वो क्या कर रहे थे। आज विश्व के सामने रिग्रेसिव थिंकिंग और एस्ट्रीब्यूशन का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में पूरे विश्व को साइंस विद रेशनल और प्रोग्रेसिव थिंकिंग को विकास का आधार बनाना होगा। साइंस बेस्ड अप्रोच को मजबूत करने के लिए भारत अनुभव आधारित लर्निंग को बडढ़ावा दे रहा है। हमारे स्कूलों में हजारों अटल लैब खोली गई हैं। एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम बना है। अपनी आजादी के 75वर्ष में भारत 75 ऐसे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने वाला है, जिसे स्कूल के छात्र बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रिग्रेसिव थिंकिंग के साथ जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए न हो। तालियां बजीं — हमें सतर्क रहना होगा कि वहां की स्थितियों का फायदा कोई अपने लिए इस्तेमाल करने की कोशिश न करे। इस समय अफगानिस्तान की जनता, वहां की महिलाओं, बच्चों और मॉइनॉरिटीज को हमारी मदद की जरूरत है और हमें अपना दायित्व निभाना होगा।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत पर निशाना साधा था। उन्होंने भारत में मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े कई आरोप भी लगाए थे।
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