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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Revealed by: शिखा पांडेय
Up to date Thu, 30 Sep 2021 11:21 AM IST
सार
मनीष गुप्ता की मौत के मामले ने राजनीतिक तूल ले लिया है। गुरुवार को अखिलेश यादव पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। यहां जानिए आगे की अपडेट…

कानपुर: मनीष गुप्ता हत्याकांड
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
यूपी के गोरखपुर में पुलिस की पिटाई के बाद प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत के बाद इस मामले ने राजनीतिक तूल ले लिया है। गुरुवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मिलने कानपुर पहुंचे।
बताते चलें कि गुरुग्राम से दो दोस्तों के साथ घूमने आए कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता (36) की सोमवार देर रात पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। आरोप है कि जांच का विरोध करने पर पुलिस कर्मियों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की थी। उनके दोस्तों को भी पीटा था।
हालत खराब होने के बाद पुलिस मनीष को लेकर एक निजी अस्पताल गई थी, जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें मेडिकल कॉलेज एंबुलेंस से अकेले ही भेज दिया था, जहां डॉक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया। बुधवार सुबह मनीष का शव उनके बर्रा स्थित निवास पर पहुंचा। शव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया।
प्रियंका और अखिलेश यादव ने फोन पर की बात
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिजनों से फोन पर बातचीत की। उन्होंने उनको ढांढस बंधाया। प्रियंका गांधी ने फोन पर कहा कि इस मामले के लिए कांग्रेस अच्छा वकील नियुक्त करेगी। प्रियंका गांधी ने ट्विट कर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि गोरखपुर में एक कारोबारी को पुलिस ने इतना पीटा कि उनकी मृत्यु हो गई। घटना से पूरे प्रदेश के आमजनों में भय व्याप्त है। इस सरकार में जंगलराज का ये आलम है कि पुलिस अपराधियों पर नरम रहती है और आमजनों से बर्बर व्यवहार करती है। सरकार को पीड़ित की पत्नी की सारी मांगें पूरी करनी चाहिए।
मृतक की पत्नी की छह मांगे
– 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए
– सरकारी नौकरी दी जाए
– केस को कानपुर नगर में ट्रांसफर किया जाए
– हत्याकांड की सीबीआई जांच हो
– जिस होटल में हत्याकांड को अंजाम दिया गया उस पर कार्रवाई की जाए
– दोषी पुलिसकर्मयों व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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