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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Printed by: Amit Mandal
Up to date Sat, 09 Oct 2021 04:03 PM IST
सार
भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत रविवार सुबह 10.30 बजे एलएसी पर चीन के हिस्से वाले मोल्डो में होगी। अब तक दोनों देशों के बीच 12 दौर की बातचीत हो चुकी है।
भारत और चीन के बीच बातचीत
– फोटो : PTI
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विस्तार
लद्दाख सीमा पर जारी सैनिक गतिरोध के मद्देनजर भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की बातचीत कल होगी। रविवार सुबह 10.30 बजे एलएसी पर चीन के हिस्से वाले मोल्डो में ये बातचीत होगी। इस दौरान हॉट स्प्रिंग में तैनात सैनिकों के मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है।
thirteenth spherical of India-China talks to deal with the continued navy stand-off to be held in Moldo on the Chinese language facet of the Line of Precise Management (LAC) at 10:30 am tomorrow. Decision of friction level at Scorching Springs to be mentioned through the talks: Military sources pic.twitter.com/B6RTcAbsXp
— ANI (@ANI) October 9, 2021
12वें दौर में 9 घंटे चली थी बातचीत
31 जुलाई को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की वार्ता हुई थी। यह वार्ता करीब नौ घंटे तक चली थी। इसमें भारत ने पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा व अन्य तनाव वाले स्थानों से सेना व हथियारों को जल्दी हटाने पर जोर दिया गया। बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध खत्म करने पर बातचीत की। चर्चा के दौरान भारत व चीन ने सीमा विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा की थी।
14 जुलाई को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। उस वक्त दुशांबे में शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर हुई इस मुलाकात में एलएसी को लेकर चल रहे मुद्दों पर चर्चा हुई थी। जयशंकर ने कहा था कि स्थिति में एकतरफा परिवर्तन किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा था कि सीमा क्षेत्रों में हमारे संबंधों के विकास के लिए शांति और व्यवस्था की पूरी तरह वापसी बहुत जरूरी है।
दोनों देश पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों और हथियारों को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं। लेकिन, टकराव वाली बाकी जगहों पर सैनिकों को वापस ले जाने की शुरुआत अभी तक नहीं हो पाई है। दोनों के बीच पिछले साल मई से पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों को लेकर सैन्य गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
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