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सार
मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। दो में वह खुद कुछ लोगों को संबोधित करते नजर आ रहे हैं और एक में सभा में शामिल शख्स धर्मांतरण के लाभ गिना रहा है।
धार्मिक साहित्य
– फोटो : अमर उजाला
सरकारी आवास पर धार्मिक कट्टरता की सभा और धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने के आरोप में फंसे वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। वह शहर की बस्तियों में अपने लोगों को भेजकर गरीब व जरूरतमंद लोगों को धार्मिक साहित्य बंटवाकर प्रचार प्रसार करते थे।
प्रचार प्रसार के दौरान उनसे जुड़े लोग आम लोगों को मदद देने के नाम पर धर्मांतरण के जाल में फंसाते थे। सीटीएस बस्ती के रहने वाले लोगों ने इस बारे में बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। साहित्य की कॉपी भी दिखाईं। मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।
दो में वह खुद कुछ लोगों को संबोधित करते नजर आ रहे हैं और एक में सभा में शामिल शख्स धर्मांतरण के लाभ गिना रहा है। मुख्यमंत्री से मामले में शिकायत हुई जिसके बाद मंगलवार को जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। शुरुआती जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि वीडियो कानपुर स्थित मंडलायुक्त कार्यालय के हैं।
यानी जब वह कानपुर में मंडलायुक्त के पद पर थे उसी दौरान इस तरह की सभाएं हुई थीं। अब आगे जांच की जा रही है कि इसमें कोई आपराधिक कृत्य है या नहीं। संवैधानिक पद पर होते हुए ये उचित है या नहीं। इस बीच एक अहम जानकारी हाथ लगी है।
इफ्तिखारुद्दीन शुद्ध भक्ति नाम के साहित्य को लोगों को बांटते थे। उसको पढ़ने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता था। सीटीएस बस्ती के लोगों ने इसकी पुष्टि भी की है। अगर ये बात आगे जांच में सच साबित होती है तो साफ हो जाएगा कि पूरी साजिश के तहत धर्म के प्रचार की आड़ में धर्मांतरण का खेल किया जा रहा था।
जमीन अधिग्रहण की शिकायत पर धर्मांतरण का लालच
सीटीएस बस्ती के रॉबी शर्मा, निर्मल ने बताया कि जब मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन मंडलायुक्त थे तब वह उनके पास मदद के लिए गए थे। मेट्रो के लिए जमीन अधिग्रहण संबंधी शिकायत थी। तब मंडलायुक्त कार्यालय से उनको भगा दिया गया था। कुछ दिन बाद उनकी बस्ती में लोग पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि वह मंडलायुक्त कार्यालय से आए हैं। आप लोगों की सभी समस्याएं दूर की जाएंगी। ये कहते हुए शुद्ध भक्ति नाम की किताबें बांटी। यह भी कहा कि अगर वह सब इस्लाम कबूल कर लेंगे तो कभी भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।
इसी तरह से सीटीएस बस्ती के अन्य तमाम लोग जिनकी जमीन मेट्रो आदि में अधिग्रहीत की जानी थी उनमें से कइयों को यही कहकर धर्मांतरण करने के लिए प्रेरित किया गया। अब जब आईएएस के वीडियो वायरल हो गए तब यह मामला भी उजागर हो गया।
भाषण देने वाला शख्स चौबेपुर का निवासी
एक वीडियो में एक युवक धर्मांतरण के बारे में बताते हुए सुनाई दे रहा है। जब वीडियो यहां के लोगों ने देखा तो उन्होंने दावा किया है वही उनसे मिलने आया था। उसी ने धर्मांतरण के लिए लालच दिया था। वह चौबेपुर का रहने वाला मोइनुद्दीन है।
ऐसा लगता है कि आईएएस ने एक अपनी टीम तैयार कर रखी थी जो ये पूरा प्रचार प्रसार और धर्मांतरण के लिए लोगों को प्रेरित करती थी। अब जब एसआईटी ने जांच शुरू की है तो यह तथ्य भी उसमें शामिल किया जाएगा। मोइनुद्दीन गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा व मकान आदि देने का लालच दिया था।
विस्तार
सरकारी आवास पर धार्मिक कट्टरता की सभा और धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने के आरोप में फंसे वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। वह शहर की बस्तियों में अपने लोगों को भेजकर गरीब व जरूरतमंद लोगों को धार्मिक साहित्य बंटवाकर प्रचार प्रसार करते थे।
प्रचार प्रसार के दौरान उनसे जुड़े लोग आम लोगों को मदद देने के नाम पर धर्मांतरण के जाल में फंसाते थे। सीटीएस बस्ती के रहने वाले लोगों ने इस बारे में बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। साहित्य की कॉपी भी दिखाईं। मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।
दो में वह खुद कुछ लोगों को संबोधित करते नजर आ रहे हैं और एक में सभा में शामिल शख्स धर्मांतरण के लाभ गिना रहा है। मुख्यमंत्री से मामले में शिकायत हुई जिसके बाद मंगलवार को जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। शुरुआती जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि वीडियो कानपुर स्थित मंडलायुक्त कार्यालय के हैं।
यानी जब वह कानपुर में मंडलायुक्त के पद पर थे उसी दौरान इस तरह की सभाएं हुई थीं। अब आगे जांच की जा रही है कि इसमें कोई आपराधिक कृत्य है या नहीं। संवैधानिक पद पर होते हुए ये उचित है या नहीं। इस बीच एक अहम जानकारी हाथ लगी है।
इफ्तिखारुद्दीन शुद्ध भक्ति नाम के साहित्य को लोगों को बांटते थे। उसको पढ़ने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता था। सीटीएस बस्ती के लोगों ने इसकी पुष्टि भी की है। अगर ये बात आगे जांच में सच साबित होती है तो साफ हो जाएगा कि पूरी साजिश के तहत धर्म के प्रचार की आड़ में धर्मांतरण का खेल किया जा रहा था।
जमीन अधिग्रहण की शिकायत पर धर्मांतरण का लालच
सीटीएस बस्ती के रॉबी शर्मा, निर्मल ने बताया कि जब मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन मंडलायुक्त थे तब वह उनके पास मदद के लिए गए थे। मेट्रो के लिए जमीन अधिग्रहण संबंधी शिकायत थी। तब मंडलायुक्त कार्यालय से उनको भगा दिया गया था। कुछ दिन बाद उनकी बस्ती में लोग पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि वह मंडलायुक्त कार्यालय से आए हैं। आप लोगों की सभी समस्याएं दूर की जाएंगी। ये कहते हुए शुद्ध भक्ति नाम की किताबें बांटी। यह भी कहा कि अगर वह सब इस्लाम कबूल कर लेंगे तो कभी भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।
इसी तरह से सीटीएस बस्ती के अन्य तमाम लोग जिनकी जमीन मेट्रो आदि में अधिग्रहीत की जानी थी उनमें से कइयों को यही कहकर धर्मांतरण करने के लिए प्रेरित किया गया। अब जब आईएएस के वीडियो वायरल हो गए तब यह मामला भी उजागर हो गया।
भाषण देने वाला शख्स चौबेपुर का निवासी
एक वीडियो में एक युवक धर्मांतरण के बारे में बताते हुए सुनाई दे रहा है। जब वीडियो यहां के लोगों ने देखा तो उन्होंने दावा किया है वही उनसे मिलने आया था। उसी ने धर्मांतरण के लिए लालच दिया था। वह चौबेपुर का रहने वाला मोइनुद्दीन है।
ऐसा लगता है कि आईएएस ने एक अपनी टीम तैयार कर रखी थी जो ये पूरा प्रचार प्रसार और धर्मांतरण के लिए लोगों को प्रेरित करती थी। अब जब एसआईटी ने जांच शुरू की है तो यह तथ्य भी उसमें शामिल किया जाएगा। मोइनुद्दीन गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा व मकान आदि देने का लालच दिया था।
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