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परीक्षित निर्भय, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Printed by: योगेश साहू
Up to date Thu, 23 Sep 2021 05:36 AM IST
सार
टीकाकरण के बाद जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, ऐसे 78 मामलों की समीक्षा करने पर पता चला कि 48 मामलों का संबंध टीकाकरण से था। इन 48 में से 28 मरीजों की तबियत बिगड़ने के पीछे वैक्सीन उत्पाद से जुड़ी प्रतिक्रिया पाई गई है।
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विस्तार
12 जुलाई को जारी पहली रिपोर्ट में एंजाइटी के दो मामले आए थे। दूसरी रिपोर्ट में इनकी संख्या बढ़कर 20 दर्ज की गई है। जिनमें 15 महिलाएं शामिल हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, वैक्सीन लेने के बावजूद किसी व्यक्ति में टीके के प्रति भ्रांति या खौफ खत्म नहीं होता है। ऐसे लोगों को लगता है कि उन्हें जो भी परेशानी हो रही है, वह वैक्सीन से संबंधित है। वैक्सीन के प्रतिकूल असर पर निगरानी के लिए गठित समिति की ताजी रिपोर्ट के मुताबिक, टीकाकरण की वजह से अभी तक किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।
क्या कहती है रिपोर्ट
टीकाकरण के बाद जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, ऐसे 78 मामलों की समीक्षा करने पर पता चला कि 48 मामलों का संबंध टीकाकरण से था। इन 48 में से 28 मरीजों की तबियत बिगड़ने के पीछे वैक्सीन उत्पाद से जुड़ी प्रतिक्रिया पाई गई है। जबकि 20 मरीज ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन लेने के बाद एंजाइटी हुआ और फिर उन्हें भर्ती करना पड़ गया। 22 मरीजों में टीकाकरण सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं मिला है।
भ्रांति नहीं, विश्वास जरूरी
नई दिल्ली स्थित इहबास अस्पताल के डॉ. ओमप्रकाश का कहना है, महिलाओं में स्थिति ज्यादा जटिल होती है, क्योंकि उन्हें अपने सवालों पर पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाती। वैक्सीन पर लोग भ्रांति नहीं, भरोसा रखें तो बाद में एंजाइटी होने की आशंका लगभग खत्म हो जाती है। अगर आपके (खासतौर पर महिलाएं) मन में कोई डर है और आप किसी दबाव के चलते वैक्सीन लेते हैं तो एंजाइटी की आशंका बढ़ जाती है।
24 घंटों में मौतों में 100 से अधिक की बढ़ोतरी
बीते 24 घंटे में ही संक्रमण से हुईं दैनिक मौतों में 100 से भी अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते मंगलवार को देश में जहां 252 मरीजों की मौत हुई थी। वहीं बुधवार को 383 मरीजों ने अस्पतालों में संक्रमण की वजह से दम तोड़ दिया। वहीं, पिछले एक दिन में 26964 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 34167 मरीज स्वस्थ हुए।
फाइजर-मॉडर्ना टीकों की सरकारी खरीद न होने के आसार
देश में टीके के पर्याप्त उत्पादन होने से केंद्र सरकार द्वारा फाइजर और मॉडर्ना के टीके की खरीदारी नहीं करने के आसार हैं। सूत्रों के मुताबिक, देश में पर्याप्त मात्रा में टीके का उत्पादन किफायती दर पर हो रहा है। विदेशी कंपनियों से टीका खरीदने की कोई जरूरत अब लग नहीं रही है। देश में 83 करोड़ लोगों को टीका लग चुका है।
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