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सार
राजनीति को सेवा का जरिया बताया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस राजनीति में कितनी कमाई है? राजनीतिक पार्टियों को कहां-कहां से कितने पैसे मिलते हैं? जिन पार्टियों को आप वोट देते हैं सालभर में उनकी आय कितनी होती है? अगर नहीं तो हम बताने जा रहे हैं। आंकड़ों के जरिए हम बताएंगे कि राजनीति में कैसे धनवर्षा होती है…
राजनीतिक पार्टियों के आय का डेटा।
– फोटो : अमर उजाला
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें देशभर की क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की कमाई का पूरा ब्योरा दिया गया है। इससे पहले राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की आय और व्यय की रिपोर्ट भी आ चुकी है।
इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्षेत्रीय दलों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने वर्ष 2019-20 में सबसे ज्यादा कमाई की है। सालभर में टीआरएस की आय 130.46 करोड़ रुपए रही। दूसरे नंबर पर शिवसेना ने 111.403 करोड़ रुपए और तीसरे पर वाईएसआर कांग्रेस ने 92.739 करोड़ रुपए की कमाई की।
राष्ट्रीय दलों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सबसे ज्यादा 3623.28 करोड़ रुपए की कमाई की। दूसरे नंबर पर कांग्रेस की आय 682.21 करोड़ रुपए और सीपीएम की आय 158.62 करोड़ रुपए रही।
साल 2019-20 में समाजवादी पार्टी से ज्यादा बहुजन समाज पार्टी की कमाई हुई है। सपा की आय 47.276 करोड़ रुपए रही और पार्टी ने कमाई से ज्यादा खर्च किया। सपा ने इस दौरान 55.692 करोड़ रुपए का व्यय दिखाया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस दौरान 58.256 करोड़ रुपए कमाई और 95.054 करोड़ रुपए का खर्च दिखाया है। बिहार की जेडीयू ने 23.354 करोड़ रुपए की कमाई की और 10.679 करोड़ रुपए खर्च किए। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी यानी आप ने 49.651 करोड़ रुपए की आय दिखाई है, जबकि 38.875 करोड़ रुपए का खर्च हुआ।
2018-19 के मुकाबले शरद पवार की एनसीपी की आय में सबसे ज्यादा 68.77% की वृद्धि हुई है। साल 18-19 में एनसीपी की 34.873 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी जो 19-20 में बढ़कर 85.583 करोड़ रुपए हो गई। इसी तरह भाजपा की कमाई में 50.34% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। 2018-19 में भाजपा की आय 2410.08 करोड़ रुपए थी जो बढ़कर 3623.28 करोड़ रुपए हो गई। कांग्रेस की आय में 25.69% की कमी आई है। साल 2018-19 में कांग्रेस ने 918.03 करोड़ रुपए की कमाई दिखाई थी जो इस बार घटकर 682.21 करोड़ रुपए हो गई।
खर्च के मामले में भी भाजपा ही आगे है। पार्टी ने साल 19-20 में 1651.022 करोड़ रुपए खर्च किए। कांग्रेस ने इस बीच 998.158 रुपए खर्च किए हैं। सीपीएम ने 105.686 करोड़ रुपए, तृणमूल कांग्रेस ने 107.277 करोड़ रुपए, एनसीपी ने 109.185 करोड़ रूपए, बसपा ने 95.054 करोड़ रुपए, सीपीआई ने 6.535 करोड़ रुपए खर्च किए।
क्षेत्रीय दलों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा बीजू जनता दल यानी बीजेडी ने 186.130 करोड़ रुपए, टीडीपी ने 108.840 करोड़ रुपए, शिवसेना ने 98.379 करोड़ रुपए, डीएम ने 71.038 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने अपनी कमाई के 75% हिस्से की सही जानकारी नहीं दी है। मतलब ये रकम किसने और कैसे दी है इसकी जानकारी पार्टियों ने सार्वजनिक नहीं की है।
साल 2019-20 में 42 क्षेत्रीय दलों ने सबसे ज्यादा चंदा और चुनावी बांड्स से कमाई की है। इस बीच इन पार्टियों ने कुल 877.957 करोड़ रुपए की कमाई दिखाई है। इनमें से 77.03% यानी 676.326 करोड़ रुपए की आय चंदा और चुनावी बांड्स से हुई है। हालांकि, इनमें भी 447.498 करोड़ रुपए ऐसे हैं जिन्हें देने वालों की पहचान या फिर आय का श्रोत सार्वजनिक तौर से जारी नहीं किया गया है। मतलब इन्हें गुमनाम चंदा के तौर पर दिखाया गया है।
राष्ट्रीय दलों की बात करें तो 2993.826 से अधिक राशि चुनावी बांड के माध्यम से दिखाई गई है। मतलब ये रकम देने वालों की पहचान राजनीतिक पार्टियों ने सार्वजनिक नहीं की है।
पार्टी |
आय |
व्यय (आंकड़ो करोड़ रुपए में) |
भाजपा |
3623.28 |
1651.022 |
कांग्रेस |
682.21 |
998.158 |
सीपीएम |
158.62 |
105.686 |
तृणमूल कांग्रेस |
143.676 |
107.277 |
एनसीपी |
85.583 |
109.185 |
बसपा |
58.256 |
95.054 |
सीपीआई |
6.581 |
6.535 |
पार्टी |
आय |
व्यय (आंकड़ो करोड़ रुपए में) |
टीआरएस |
130.460 |
21.188 |
शिवसेना |
111.403 |
98.379 |
वाईएसआर कांग्रेस |
92.739 |
37.836 |
टीडीपी |
91.530 |
108.840 |
बीजेडी |
90.350 |
186.130 |
एआईडीएमके |
89.606 |
71.038 |
डीएमके |
64.904 |
71.038 |
आप |
49.651 |
38.875 |
समाजवादी पार्टी |
47.276 |
55.692 |
जेडीयू |
23.354 |
10.679 |
विस्तार
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें देशभर की क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की कमाई का पूरा ब्योरा दिया गया है। इससे पहले राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की आय और व्यय की रिपोर्ट भी आ चुकी है।
इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्षेत्रीय दलों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने वर्ष 2019-20 में सबसे ज्यादा कमाई की है। सालभर में टीआरएस की आय 130.46 करोड़ रुपए रही। दूसरे नंबर पर शिवसेना ने 111.403 करोड़ रुपए और तीसरे पर वाईएसआर कांग्रेस ने 92.739 करोड़ रुपए की कमाई की।
राष्ट्रीय दलों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सबसे ज्यादा 3623.28 करोड़ रुपए की कमाई की। दूसरे नंबर पर कांग्रेस की आय 682.21 करोड़ रुपए और सीपीएम की आय 158.62 करोड़ रुपए रही।
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सपा-बसपा, आप ने कितना कमाया?
साल 2019-20 में समाजवादी पार्टी से ज्यादा बहुजन समाज पार्टी की कमाई हुई है। सपा की आय 47.276 करोड़ रुपए रही और पार्टी ने कमाई से ज्यादा खर्च किया। सपा ने इस दौरान 55.692 करोड़ रुपए का व्यय दिखाया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस दौरान 58.256 करोड़ रुपए कमाई और 95.054 करोड़ रुपए का खर्च दिखाया है। बिहार की जेडीयू ने 23.354 करोड़ रुपए की कमाई की और 10.679 करोड़ रुपए खर्च किए। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी यानी आप ने 49.651 करोड़ रुपए की आय दिखाई है, जबकि 38.875 करोड़ रुपए का खर्च हुआ।
एनसीपी की आय में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
2018-19 के मुकाबले शरद पवार की एनसीपी की आय में सबसे ज्यादा 68.77% की वृद्धि हुई है। साल 18-19 में एनसीपी की 34.873 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी जो 19-20 में बढ़कर 85.583 करोड़ रुपए हो गई। इसी तरह भाजपा की कमाई में 50.34% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। 2018-19 में भाजपा की आय 2410.08 करोड़ रुपए थी जो बढ़कर 3623.28 करोड़ रुपए हो गई। कांग्रेस की आय में 25.69% की कमी आई है। साल 2018-19 में कांग्रेस ने 918.03 करोड़ रुपए की कमाई दिखाई थी जो इस बार घटकर 682.21 करोड़ रुपए हो गई।
किसने सबसे ज्यादा खर्च किया?
खर्च के मामले में भी भाजपा ही आगे है। पार्टी ने साल 19-20 में 1651.022 करोड़ रुपए खर्च किए। कांग्रेस ने इस बीच 998.158 रुपए खर्च किए हैं। सीपीएम ने 105.686 करोड़ रुपए, तृणमूल कांग्रेस ने 107.277 करोड़ रुपए, एनसीपी ने 109.185 करोड़ रूपए, बसपा ने 95.054 करोड़ रुपए, सीपीआई ने 6.535 करोड़ रुपए खर्च किए।
क्षेत्रीय दलों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा बीजू जनता दल यानी बीजेडी ने 186.130 करोड़ रुपए, टीडीपी ने 108.840 करोड़ रुपए, शिवसेना ने 98.379 करोड़ रुपए, डीएम ने 71.038 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
कमाई का जरिया जानते हैं?
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने अपनी कमाई के 75% हिस्से की सही जानकारी नहीं दी है। मतलब ये रकम किसने और कैसे दी है इसकी जानकारी पार्टियों ने सार्वजनिक नहीं की है।
साल 2019-20 में 42 क्षेत्रीय दलों ने सबसे ज्यादा चंदा और चुनावी बांड्स से कमाई की है। इस बीच इन पार्टियों ने कुल 877.957 करोड़ रुपए की कमाई दिखाई है। इनमें से 77.03% यानी 676.326 करोड़ रुपए की आय चंदा और चुनावी बांड्स से हुई है। हालांकि, इनमें भी 447.498 करोड़ रुपए ऐसे हैं जिन्हें देने वालों की पहचान या फिर आय का श्रोत सार्वजनिक तौर से जारी नहीं किया गया है। मतलब इन्हें गुमनाम चंदा के तौर पर दिखाया गया है।
राष्ट्रीय दलों की बात करें तो 2993.826 से अधिक राशि चुनावी बांड के माध्यम से दिखाई गई है। मतलब ये रकम देने वालों की पहचान राजनीतिक पार्टियों ने सार्वजनिक नहीं की है।
7 राष्ट्रीय पार्टियां जिनकी सबसे ज्यादा कमाई
पार्टी |
आय |
व्यय (आंकड़ो करोड़ रुपए में) |
भाजपा |
3623.28 |
1651.022 |
कांग्रेस |
682.21 |
998.158 |
सीपीएम |
158.62 |
105.686 |
तृणमूल कांग्रेस |
143.676 |
107.277 |
एनसीपी |
85.583 |
109.185 |
बसपा |
58.256 |
95.054 |
सीपीआई |
6.581 |
6.535 |
7 क्षेत्रीय पार्टियां, जिनकी सबसे ज्यादा कमाई
पार्टी |
आय |
व्यय (आंकड़ो करोड़ रुपए में) |
टीआरएस |
130.460 |
21.188 |
शिवसेना |
111.403 |
98.379 |
वाईएसआर कांग्रेस |
92.739 |
37.836 |
टीडीपी |
91.530 |
108.840 |
बीजेडी |
90.350 |
186.130 |
एआईडीएमके |
89.606 |
71.038 |
डीएमके |
64.904 |
71.038 |
आप |
49.651 |
38.875 |
समाजवादी पार्टी |
47.276 |
55.692 |
जेडीयू |
23.354 |
10.679 |
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