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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Revealed by: संजीव कुमार झा
Up to date Sat, 25 Sep 2021 07:18 AM IST
सार
एजेंसी द्वारा अनिल परब को जारी किया गया यह दूसरा समन है। इससे पहले, शिवसेना नेता को 31 अगस्त को तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने एक लोक सेवक और महाराष्ट्र राज्य मंत्री के रूप में कुछ प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए कुछ समय मांगा था।
शिवसेना नेता अनिल परब
– फोटो : fb.com/AnilDattatrayParab
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नया समन जारी करते हुए 28 सितंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है। एजेंसी द्वारा अनिल परब को जारी किया गया यह दूसरा समन है। इससे पहले, शिवसेना नेता को 31 अगस्त को तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने एक लोक सेवक और महाराष्ट्र राज्य मंत्री के रूप में कुछ प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए कुछ समय मांगा था।
सचिन वाजे का बयान दर्ज होने के बाद ईडी के निशाने पर आ गए थे अनिल परब
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे का बयान दर्ज होने के बाद महाराष्ट्र के गृह विभाग में तबादला पोस्टिंग से जुड़े मामले में अनिल परब ईडी के निशाने पर आ गए थे। सचिन वाजे ने अपने बयान में कथित तौर पर ईडी अधिकारियों को बताया था कि अनिल परब और अनिल देशमुख दोनों ने 10 पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के स्थानांतरण को रोकने के लिए 20 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे, जिनके स्थानांतरण का आदेश तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने दिया था।
वाजे ने बताया कैसे हुई थी पैसे की हेराफेरी
वाजे ने आरोप लगाया था कि स्थानांतरण आदेश में नामित डीसीपी से 40 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे, जिनमें से 20 करोड़ रुपये परब और देशमुख को प्राप्त हुए थे। उन्होंने आगे दावा किया कि अनिल देशमुख के लिए पैसा उनके निजी सचिव और ईडी द्वारा गिरफ्तार आरोपी संजीव पलांडे को प्राप्त हुआ था और अनिल परब के लिए पैसे क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बजरंग खरमाते को प्राप्त हुआ था।
संजीव पलांडे और बजरंग खरमाते ने संभाला था ट्रांसफर पोस्टिंग का काम
सचिन वाजे ने आगे आरोप लगाया था कि संजीव पलांडे ने अनिल देशमुख के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधी काम संभाला था, जबकि बजरंग खरमाते ने अनिल परब के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधी काम संभाला।
विस्तार
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नया समन जारी करते हुए 28 सितंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है। एजेंसी द्वारा अनिल परब को जारी किया गया यह दूसरा समन है। इससे पहले, शिवसेना नेता को 31 अगस्त को तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने एक लोक सेवक और महाराष्ट्र राज्य मंत्री के रूप में कुछ प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए कुछ समय मांगा था।
सचिन वाजे का बयान दर्ज होने के बाद ईडी के निशाने पर आ गए थे अनिल परब
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे का बयान दर्ज होने के बाद महाराष्ट्र के गृह विभाग में तबादला पोस्टिंग से जुड़े मामले में अनिल परब ईडी के निशाने पर आ गए थे। सचिन वाजे ने अपने बयान में कथित तौर पर ईडी अधिकारियों को बताया था कि अनिल परब और अनिल देशमुख दोनों ने 10 पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के स्थानांतरण को रोकने के लिए 20 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे, जिनके स्थानांतरण का आदेश तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने दिया था।
वाजे ने बताया कैसे हुई थी पैसे की हेराफेरी
वाजे ने आरोप लगाया था कि स्थानांतरण आदेश में नामित डीसीपी से 40 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे, जिनमें से 20 करोड़ रुपये परब और देशमुख को प्राप्त हुए थे। उन्होंने आगे दावा किया कि अनिल देशमुख के लिए पैसा उनके निजी सचिव और ईडी द्वारा गिरफ्तार आरोपी संजीव पलांडे को प्राप्त हुआ था और अनिल परब के लिए पैसे क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बजरंग खरमाते को प्राप्त हुआ था।
संजीव पलांडे और बजरंग खरमाते ने संभाला था ट्रांसफर पोस्टिंग का काम
सचिन वाजे ने आगे आरोप लगाया था कि संजीव पलांडे ने अनिल देशमुख के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधी काम संभाला था, जबकि बजरंग खरमाते ने अनिल परब के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधी काम संभाला।
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