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सार
देश की राजधानी दिल्ली में स्कूल खुलने के बाद भी बच्चों में संक्रमण दर पूरे देश में सबसे कम है। दिल्ली में 400 कोरोना मरीज उपचाराधीन जिसमें बच्चे केवल 2.25 फीसदी हैं।
राहत की खबर है कि स्कूल खुलने के बाद भी बच्चों में संक्रमण दर नहीं बढ़ी है।
कोरोना महामारी के बीच लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों जहां फिर से कक्षाएं लगने लगी हैं। वहीं बच्चों में संक्रमण बढ़ने की लगाई जा रही आशंका भी कम होने लगी है। राहत की खबर है कि स्कूल खुलने के बाद भी बच्चों में संक्रमण दर नहीं बढ़ी है।
वर्तमान में राजधानी में कोरोना के 400 मरीज उपचाराधीन हैं लेकिन इनमें बच्चे 2.25 फीसदी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी लहर गुजरने के बाद व्यस्कों की तरह राजधानी के बच्चों में भी संक्रमण की आशंका कम हुई है।
जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार के एम्पावर्ड ग्रुप-1 की समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार इस साल मार्च के बाद से कुल सक्रिय मामलों में कोविड संक्रमित बच्चों की हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि हुई है लेकिन दिल्ली में यह स्थिति नहीं है। देश में सबसे कम बच्चों में कोरोना की संक्रमण दर दिल्ली में दर्ज की गई है।
समीक्षा रिपोर्ट में 18 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति पर चर्चा की गई जिनमें दिल्ली भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के कुल सक्रिय मामलों में एक से 10 वर्ष की आयु के बच्चों की हिस्सेदारी इस साल मार्च में 2.80 से बढ़कर अगस्त माह तक 7.04 फीसदी तक पहुंच गई है। यानी राष्ट्रीय स्तर पर हर 100 सक्रिय मामलों में से लगभग सात बच्चे हैं लेकिन दिल्ली में यह थिति सबसे अलग है।
रिपोर्ट के अनुसार 18 राज्यों में मिजोरम एक मात्र ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा 16.48 फीसदी बच्चों में संक्रमण देखने को मिल रहा है। जबकि दिल्ली में सबसे कम 2.25 फीसदी बच्चे मिले हैं। इनके अलावा मेघालय (9.35), मणिपुर (8.74), केरल (8.62), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (8.2), सिक्किम (8.02), दादरा और नगर हवेली (7.69) और अरुणाचल प्रदेश में 7.38 फीसदी संक्रमण दर दर्ज की गई है।
दरअसल बीते एक सितंबर से राजधानी में नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं चल रही हैं। जबकि आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए अभी तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।
विस्तार
कोरोना महामारी के बीच लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों जहां फिर से कक्षाएं लगने लगी हैं। वहीं बच्चों में संक्रमण बढ़ने की लगाई जा रही आशंका भी कम होने लगी है। राहत की खबर है कि स्कूल खुलने के बाद भी बच्चों में संक्रमण दर नहीं बढ़ी है।
वर्तमान में राजधानी में कोरोना के 400 मरीज उपचाराधीन हैं लेकिन इनमें बच्चे 2.25 फीसदी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी लहर गुजरने के बाद व्यस्कों की तरह राजधानी के बच्चों में भी संक्रमण की आशंका कम हुई है।
जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार के एम्पावर्ड ग्रुप-1 की समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार इस साल मार्च के बाद से कुल सक्रिय मामलों में कोविड संक्रमित बच्चों की हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि हुई है लेकिन दिल्ली में यह स्थिति नहीं है। देश में सबसे कम बच्चों में कोरोना की संक्रमण दर दिल्ली में दर्ज की गई है।
समीक्षा रिपोर्ट में 18 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति पर चर्चा की गई जिनमें दिल्ली भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के कुल सक्रिय मामलों में एक से 10 वर्ष की आयु के बच्चों की हिस्सेदारी इस साल मार्च में 2.80 से बढ़कर अगस्त माह तक 7.04 फीसदी तक पहुंच गई है। यानी राष्ट्रीय स्तर पर हर 100 सक्रिय मामलों में से लगभग सात बच्चे हैं लेकिन दिल्ली में यह थिति सबसे अलग है।
रिपोर्ट के अनुसार 18 राज्यों में मिजोरम एक मात्र ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा 16.48 फीसदी बच्चों में संक्रमण देखने को मिल रहा है। जबकि दिल्ली में सबसे कम 2.25 फीसदी बच्चे मिले हैं। इनके अलावा मेघालय (9.35), मणिपुर (8.74), केरल (8.62), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (8.2), सिक्किम (8.02), दादरा और नगर हवेली (7.69) और अरुणाचल प्रदेश में 7.38 फीसदी संक्रमण दर दर्ज की गई है।
दरअसल बीते एक सितंबर से राजधानी में नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं चल रही हैं। जबकि आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए अभी तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।
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