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एजेंसी, बीजिंग
Printed by: देव कश्यप
Up to date Wed, 15 Sep 2021 12:12 AM IST
सार
अमेरिकी तटरक्षक बल ने यह खुलासा ऐसे समय पर किया है जब चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना की गतिविधियों की आलोचना की थी। चीनी युद्धपोतों की यह तस्वीरें 29 और 30 अगस्त को ली गई थीं।
युद्धपोत (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
अमेरिका द्वारा दक्षिण सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों का विरोध करने पर चीनी नौसेना ने अमेरिका को चुनौती दी है। उसने अमेरिकी नाक तले अलास्का के एक द्वीप के पास चार घातक युद्धपोत भेजे हैं। ये सभी चीनी युद्धपोत अमेरिका के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूद थे, जिनकी पुष्टि खुद अमेरिका के तटरक्षक बल ने इसकी तस्वीरें जारी करके की है। अगस्त माह की इस घटना का खुलासा अब हुआ है।
अमेरिकी तटरक्षक बल ने यह खुलासा ऐसे समय पर किया है जब चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना की गतिविधियों की आलोचना की थी। शिजिन ने चेताया था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी भी इसी तरह की गतिविधियों को अमेरिका के खिलाफ अंजाम दे सकती है। चीनी युद्धपोतों की यह तस्वीरें 29 और 30 अगस्त को ली गई थीं। अब इन तस्वीरों के कैप्शन को वेबसाइट से हटा दिया गया है। कैप्शन में लिखा था कि ये तस्वीरें अमेरिका के विशेष आर्थिक जोन स्थित अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में एलेयूटिआन द्वीप के पास से ली गई हैं। कैप्शन में इन्हें गाइडेड मिसाइल क्रूजर और जासूसी युद्धपोत तथा एक को गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर बताया गया था।
24 अगस्त को जापान ने देखे चीनी युद्धपोत
स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने पहले ही इस बारे में बता दिया था कि जापान के अधिकारियों ने चीनी नौसेना के चार युद्धपोत सोया जलडमरूमध्य क्षेत्र में पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए देखे हैं। उन्होंने कहा, ये चीनी युद्धपोत 24 अगस्त को अलास्का के ईईजेड की ओर बढ़ रहे थे। इन जहाजों में टाइप 055 ड्रेस्ट्रायर भी शामिल है। यह सूचना अमेरिकी तटरक्षक बल की सूचना से पूरी तरह से मेल खाती है।
अमेरिका ने कई चीनी छात्रों के वीजा अनुरोध ठुकराए
अमेरिका ने सुरक्षा आधार पर चीन के करीब 500 छात्रों का वीजा निरस्त करने की कार्रवाई की है। चीन सरकार ने बताया कि एक सेमेस्टर ऑनलाइन पढ़ाई के बाद ये छात्र अमेरिका जाना चाहते थे। लेकिन इनके वीजा संभावित सैन्य इस्तेमाल के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी हासिल करने से बीजिंग को रोकने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी नीति के अनुसार निरस्त कर दिए गए हैं।
इस नीति के तहत उन लोगों को वीजा देने पर रोक लगाई गई है जो सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा जनमुक्ति सेना या उन विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं जिन्हें वाशिंगटन ने सेना के आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा बताया है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि हजारों चीनी छात्र और शोधकर्ता ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हैं जिससे वह चीन को चिकित्सा, कंप्यूटर और अन्य संवेदनशील जानकारी दे सकते हैं।
विस्तार
अमेरिका द्वारा दक्षिण सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों का विरोध करने पर चीनी नौसेना ने अमेरिका को चुनौती दी है। उसने अमेरिकी नाक तले अलास्का के एक द्वीप के पास चार घातक युद्धपोत भेजे हैं। ये सभी चीनी युद्धपोत अमेरिका के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूद थे, जिनकी पुष्टि खुद अमेरिका के तटरक्षक बल ने इसकी तस्वीरें जारी करके की है। अगस्त माह की इस घटना का खुलासा अब हुआ है।
अमेरिकी तटरक्षक बल ने यह खुलासा ऐसे समय पर किया है जब चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना की गतिविधियों की आलोचना की थी। शिजिन ने चेताया था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी भी इसी तरह की गतिविधियों को अमेरिका के खिलाफ अंजाम दे सकती है। चीनी युद्धपोतों की यह तस्वीरें 29 और 30 अगस्त को ली गई थीं। अब इन तस्वीरों के कैप्शन को वेबसाइट से हटा दिया गया है। कैप्शन में लिखा था कि ये तस्वीरें अमेरिका के विशेष आर्थिक जोन स्थित अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में एलेयूटिआन द्वीप के पास से ली गई हैं। कैप्शन में इन्हें गाइडेड मिसाइल क्रूजर और जासूसी युद्धपोत तथा एक को गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर बताया गया था।
24 अगस्त को जापान ने देखे चीनी युद्धपोत
स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने पहले ही इस बारे में बता दिया था कि जापान के अधिकारियों ने चीनी नौसेना के चार युद्धपोत सोया जलडमरूमध्य क्षेत्र में पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए देखे हैं। उन्होंने कहा, ये चीनी युद्धपोत 24 अगस्त को अलास्का के ईईजेड की ओर बढ़ रहे थे। इन जहाजों में टाइप 055 ड्रेस्ट्रायर भी शामिल है। यह सूचना अमेरिकी तटरक्षक बल की सूचना से पूरी तरह से मेल खाती है।
अमेरिका ने कई चीनी छात्रों के वीजा अनुरोध ठुकराए
अमेरिका ने सुरक्षा आधार पर चीन के करीब 500 छात्रों का वीजा निरस्त करने की कार्रवाई की है। चीन सरकार ने बताया कि एक सेमेस्टर ऑनलाइन पढ़ाई के बाद ये छात्र अमेरिका जाना चाहते थे। लेकिन इनके वीजा संभावित सैन्य इस्तेमाल के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी हासिल करने से बीजिंग को रोकने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी नीति के अनुसार निरस्त कर दिए गए हैं।
इस नीति के तहत उन लोगों को वीजा देने पर रोक लगाई गई है जो सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा जनमुक्ति सेना या उन विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं जिन्हें वाशिंगटन ने सेना के आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा बताया है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि हजारों चीनी छात्र और शोधकर्ता ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हैं जिससे वह चीन को चिकित्सा, कंप्यूटर और अन्य संवेदनशील जानकारी दे सकते हैं।
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