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सार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक की 9.5 अरब डॉलर की संपत्ति को जब्त कर लिया है और काबुल को नकद राशि भेजना भी बंद कर दिया है। उसकी कोशिश है कि तालिबान सरकार के पास धन न पहुंचे।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद चीन इस आतंकी संगठन ने नजदीकी बढ़ाने में जुटा है।
– फोटो : Social Media
चीन ने बुधवार को तालिबान की इस मांग का समर्थन किया कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संपत्ति को नियंत्रण से मुक्त करना चाहिए। चीन की तरफ से कहा गया कि अमेरिका के पास ऐसा करने का कोई वैध कारण नहीं है। वहीं, काबुल में चीन के राजदूत ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात की।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक की 9.5 अरब डॉलर की संपत्ति को जब्त कर लिया है और काबुल को नकद राशि भेजना भी बंद कर दिया है। उसकी कोशिश है कि तालिबान सरकार के पास धन न पहुंचे। इसी को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने पत्रकारों से कहा कि अफगानिस्तान की संपत्ति को जब्त करने का अमेरिका के पास कोई वैध कारण नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि तालिबान ने मांग कि है कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संपत्ति नियंत्रण से मुक्त करनी चाहिए, क्योंकि यह अफगानिस्तान के लोगों की है और अंतरिम सरकार कोष जारी कराने के लिए हर मुमकिन कानूनी कार्रवाई करेगी, तो झाओ ने कहा, “मेरे ख्याल में वह (तालिबान के) प्रवक्ता ठीक कह रहे हैं। ” उन्होंने कहा, “संपत्ति अफगानिस्तान के लोगों की है और इसे अफगान लोगों पर खर्च किया जाना चाहिए। अमेरिका को बिना औचित्य के इसे जब्त नहीं करना चाहिए।”
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका को अफगानिस्तान की वैध मांग को स्वीकार करना चाहिए और दबाव बनाना और प्रतिबंध लगाना छोड़ना चाहिए। उन्हें अफगानिस्तान में आर्थिक, आजीविका, शांति और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में बाधा डालना भी बंद करना चाहिए।” बता दें कि पिछले महीने अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक ने युद्धग्रस्त देश को अपनी-अपनी सहायता देना बंद कर दिया है। अफगानिस्तान काफी ज्यादा विदेशी कोष पर निर्भर करता है।
इस बीच काबुल में चीन के राजदूत वांग यू ने मंगलवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्तकी से मुलाकात की। अंतरिम सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे तालिबान को इससे बड़ा प्रोत्साहन मिला है। बता दें, अंतरिम सरकार में मुख्यत: तालिबान के नेता शामिल हैं जबकि उसने वादा किया था सरकार समावेशी होगी। तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्विटर पर कहा, “आज दोपहर को इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी पड़ोसी चीन के काबुल में राजदूत वांग यू से मिले।”
नईम ने कहा कि चीनी राजदूत ने नई अफगान सरकार को मुबारकबाद दी है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने नईम के हवाले से बताया कि वांग ने यह भी वादा किया है कि “चीन अफगानिस्तान को मानवीय, आर्थिक और राजनीतिक सहयोग देना जारी रखेगा।” तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, “मुत्तकी ने चीन का उसकी मदद के लिए आभार जताया है।”
काबुल से मिली खबरों के मुताबिक, अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने भी मुत्तकी से मुलाकात की है। बता दें कि पाकिस्तान रूस और चीन ने काबुल में अपने दूतावास खुले रखे हैं। चीन के सरकारी सीजीटीएन टीवी की खबर के मुताबिक, वांग ने कहा कि चीन अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है और अफगान लोगों को विकास का पथ चुनने के लिए समर्थन करता है।
मुत्तकी के साथ चीनी राजदूत की मुलाकात पर प्रतिक्रिया पूछने पर झाओ ने कहा, “मैं आपको बता सकता हूं कि अफगानिस्तान में चीन का दूतावास सामान्य रूप से कामकाज कर रहा है। हम अफगानिस्तान में नई सरकार के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए तैयार हैं।” चीन ने पहले तालिबान से समावेशी और उदारवादी सरकार बनाने का आग्रह किया था। उसने तालिबान की अंतरिम सरकार का बचाव करते हुए कहा कि व्यवस्था कायम करने और अराजकता को खत्म करने के लिए यह जरूरी कदम था।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत कुंदुज़ में खुफिया विभाग के प्रमुख हाजी नजीबुल्लाह हारून ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट से संबद्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की खबरें बेबुनियाद हैं। हारून ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, “कुंदुज़ प्रांत में स्थायी शांति लौट आई है और लोग शांति से रह रहे हैं।”
विस्तार
चीन ने बुधवार को तालिबान की इस मांग का समर्थन किया कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संपत्ति को नियंत्रण से मुक्त करना चाहिए। चीन की तरफ से कहा गया कि अमेरिका के पास ऐसा करने का कोई वैध कारण नहीं है। वहीं, काबुल में चीन के राजदूत ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात की।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक की 9.5 अरब डॉलर की संपत्ति को जब्त कर लिया है और काबुल को नकद राशि भेजना भी बंद कर दिया है। उसकी कोशिश है कि तालिबान सरकार के पास धन न पहुंचे। इसी को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने पत्रकारों से कहा कि अफगानिस्तान की संपत्ति को जब्त करने का अमेरिका के पास कोई वैध कारण नहीं है।
तालिबान को सही ठहराने लगा चीन
जब उनसे पूछा गया कि तालिबान ने मांग कि है कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संपत्ति नियंत्रण से मुक्त करनी चाहिए, क्योंकि यह अफगानिस्तान के लोगों की है और अंतरिम सरकार कोष जारी कराने के लिए हर मुमकिन कानूनी कार्रवाई करेगी, तो झाओ ने कहा, “मेरे ख्याल में वह (तालिबान के) प्रवक्ता ठीक कह रहे हैं। ” उन्होंने कहा, “संपत्ति अफगानिस्तान के लोगों की है और इसे अफगान लोगों पर खर्च किया जाना चाहिए। अमेरिका को बिना औचित्य के इसे जब्त नहीं करना चाहिए।”
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका को अफगानिस्तान की वैध मांग को स्वीकार करना चाहिए और दबाव बनाना और प्रतिबंध लगाना छोड़ना चाहिए। उन्हें अफगानिस्तान में आर्थिक, आजीविका, शांति और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में बाधा डालना भी बंद करना चाहिए।” बता दें कि पिछले महीने अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक ने युद्धग्रस्त देश को अपनी-अपनी सहायता देना बंद कर दिया है। अफगानिस्तान काफी ज्यादा विदेशी कोष पर निर्भर करता है।
अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री से मिले चीनी राजदूत
इस बीच काबुल में चीन के राजदूत वांग यू ने मंगलवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्तकी से मुलाकात की। अंतरिम सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे तालिबान को इससे बड़ा प्रोत्साहन मिला है। बता दें, अंतरिम सरकार में मुख्यत: तालिबान के नेता शामिल हैं जबकि उसने वादा किया था सरकार समावेशी होगी। तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्विटर पर कहा, “आज दोपहर को इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी पड़ोसी चीन के काबुल में राजदूत वांग यू से मिले।”
नईम ने कहा कि चीनी राजदूत ने नई अफगान सरकार को मुबारकबाद दी है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने नईम के हवाले से बताया कि वांग ने यह भी वादा किया है कि “चीन अफगानिस्तान को मानवीय, आर्थिक और राजनीतिक सहयोग देना जारी रखेगा।” तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, “मुत्तकी ने चीन का उसकी मदद के लिए आभार जताया है।”
काबुल से मिली खबरों के मुताबिक, अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने भी मुत्तकी से मुलाकात की है। बता दें कि पाकिस्तान रूस और चीन ने काबुल में अपने दूतावास खुले रखे हैं। चीन के सरकारी सीजीटीएन टीवी की खबर के मुताबिक, वांग ने कहा कि चीन अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है और अफगान लोगों को विकास का पथ चुनने के लिए समर्थन करता है।
मुत्तकी के साथ चीनी राजदूत की मुलाकात पर प्रतिक्रिया पूछने पर झाओ ने कहा, “मैं आपको बता सकता हूं कि अफगानिस्तान में चीन का दूतावास सामान्य रूप से कामकाज कर रहा है। हम अफगानिस्तान में नई सरकार के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए तैयार हैं।” चीन ने पहले तालिबान से समावेशी और उदारवादी सरकार बनाने का आग्रह किया था। उसने तालिबान की अंतरिम सरकार का बचाव करते हुए कहा कि व्यवस्था कायम करने और अराजकता को खत्म करने के लिए यह जरूरी कदम था।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत कुंदुज़ में खुफिया विभाग के प्रमुख हाजी नजीबुल्लाह हारून ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट से संबद्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की खबरें बेबुनियाद हैं। हारून ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, “कुंदुज़ प्रांत में स्थायी शांति लौट आई है और लोग शांति से रह रहे हैं।”
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